स्वच्छ भारत मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में ओडीएफ प्लस मॉडल की दिशा में बड़े कदम
जल शक्ति मंत्री, श्री सी.आर. पाटिल, कल छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले का दौरा करेंगे, जहाँ वे चल रहे स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) अभियान के तहत गतिविधियों में हिस्सा लेंगे। इस दौरे का उद्देश्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत विभिन्न स्वच्छता पहलों की प्रगति और क्रियान्वयन का निरीक्षण करना है, साथ ही स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) अभियान के अंतर्गत स्वच्छता प्रयासों को बनाए रखने पर जोर देना है।
स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत, छत्तीसगढ़ ने 5,631 स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों (सीटीयू), 29,951 स्वच्छता में भागीदारी कार्यक्रमों और 2332 सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों की योजना बनाई है, जो राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे। अब तक, छत्तीसगढ़ ने 1.3 लाख स्वयंसेवकों के सहयोग से 2071 सीटीयू का परिवर्तन किया है और 10.48 लाख प्रतिभागियों के सहयोग से 8400 से अधिक स्वच्छता में भागीदारी कार्यक्रम आयोजित किए हैं। सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों के तहत 32,000 से अधिक सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य शिविरों का लाभ मिला है और 26,000 से अधिक सफाई कर्मियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट प्रदान किए गए हैं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि स्थानीय समुदायों को अपने स्वच्छता तंत्र में भागीदारी के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्राप्त उपलब्धियों को बनाए रखा जा सके।
यात्रा के दौरान, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री जिले में जल संरक्षण और स्वच्छता कार्यक्रमों के अभिसरण को प्रदर्शित करने वाली कई गतिविधियों के माध्यम से जिले के प्रयासों और उपलब्धियों का प्रत्यक्ष निरीक्षण करेंगे। जिसमें 33 जिले, 146 ब्लॉक और 19,463 गांव शामिल हैं, इसमें 67% गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया गया है और 73% गांवों में ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था है, जबकि 94% गांवों में तरल कचरा प्रबंधन की व्यवस्था है।
केंद्रीय मंत्री, मिशन जल रक्षा का दौरा करेंगे, जहाँ वे बर्गा गांव में एक पर्कोलेशन टैंक स्थल पर जल संरक्षण पहल का निरीक्षण करेंगे, जो स्थानीय जल स्रोतों की सुरक्षा और पुनर्भरण के प्रयासों को प्रदर्शित करता है। वे स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) के तहत वेस्ट टू आर्ट गतिविधि के अंतर्गत कचरे से बनाई गई नवाचारपूर्ण कलाकृतियों का भी अवलोकन करेंगे, जो समुदाय की कचरा प्रबंधन में रचनात्मकता को दर्शाती हैं। इसके साथ ही, मंत्री स्वच्छता लक्ष्य इकाई (CTU) के परिवर्तनकारी परिणामों का निरीक्षण करेंगे, जहाँ पहले और बाद का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे इन पहलों का गांव पर क्या प्रभाव पड़ा है, यह स्पष्ट होगा। मंत्री एक पेड़ मां के नाम पहल के अंतर्गत वृक्षारोपण अभियान में भी हिस्सा लेंगे।
राजनांदगांव और डोंगरगांव ब्लॉकों को ओडीएफ प्लस मॉडल ब्लॉक घोषित किया जाना इस दौरे का मुख्य आकर्षण होगा, जो सम्पूर्ण स्वच्छता की दिशा में जिले की प्रतिबद्धता और प्रभावी कचरा प्रबंधन की ओर उनके प्रयासों को रेखांकित करता है। वर्तमान में, छत्तीसगढ़ ने 13,033 गांवों में सफलतापूर्वक ओडीएफ प्लस मॉडल की घोषणा की है और राज्य दिसंबर 2024 तक सभी गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके अतिरिक्त, श्री पाटिल भारतपुरा तहसील के अमलीडीह ग्राम पंचायत में स्थित प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाई (PWMU) का दौरा करेंगे और स्वच्छता दीदियों के साथ चर्चा करेंगे, जो इस क्षेत्र में स्वच्छता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस दौरान एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और कबाड़ से जुगाड़ जैसे स्कूल के बच्चों द्वारा प्रदर्शित प्रदर्शनियां भी आयोजित होंगी, जो रचनात्मक स्वच्छता समाधानों में समुदाय की भागीदारी को दर्शाएंगी। दौरे का समापन कई नई पहलों के शुभारंभ के साथ होगा, जिसमें मल कीचड़ उपचार संयंत्र (एफएसटीपी) का उद्घाटन भी शामिल है।
एसएचएस की प्रगति राज्य के उन निरंतर प्रयासों को दर्शाती है, जिनके तहत स्थानीय समुदायों को अपने स्वच्छता तंत्र की जिम्मेदारी लेने और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) चरण I के तहत प्राप्त उपलब्धियों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की यह यात्रा, ग्रामीण भारत में स्वच्छता के संदेश को प्रसारित करने और सम्पूर्ण स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण को स्थायी रूप से साकार करने के भारत सरकार के संकल्प का प्रमाण है।