"गणतंत्र दिवस पर कविराज बिंझलेकर जी ने छत्तीसगढ़वासियों को दी शुभकामनाएं, सामाजिक एकता और समानता का दिया संदेश" - Madhya Stambh

"गणतंत्र दिवस पर कविराज बिंझलेकर जी ने छत्तीसगढ़वासियों को दी शुभकामनाएं, सामाजिक एकता और समानता का दिया संदेश"

 

छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम जिला रायपुर से रविदासिया धर्म संगठन की स्थापना करने वाले कर्मठ, जुझारू, मिलनसार एवं समाज सुधारक, श्री कविराज बिंझलेकर ने समाज के उत्थान और एकता के लिए जो प्रयास किए हैं, वे अनुकरणीय हैं। श्री बिंझलेकर, जो प्रथम जिला अध्यक्ष और प्रांतीय प्रभारी के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं, अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने न केवल संगठन को मजबूत आधार प्रदान किया है, बल्कि समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उनके नेतृत्व में रविदासिया धर्म संगठन ने छत्तीसगढ़ में सामाजिक समरसता, धार्मिक सद्भावना और समानता के मूल्यों को बढ़ावा दिया है। उन्होंने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का प्रयास किया है और अपने विचारों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया है। उनकी दृष्टि है कि समाज में हर व्यक्ति को समान अधिकार मिले और किसी के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो।

श्री कविराज बिंझलेकर की ओर से छत्तीसगढ़ के निवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए यह संदेश दिया गया है कि हमें अपने देश के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करना चाहिए। गणतंत्र दिवस हमारे देश की स्वतंत्रता, एकता और विविधता का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे संविधान ने हमें जो अधिकार और कर्तव्य दिए हैं, उन्हें हमें ईमानदारी से निभाना चाहिए।

श्री बिंझलेकर ने छत्तीसगढ़ के सभी नागरिकों से आह्वान किया है कि वे अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन करें और देश की प्रगति में योगदान दें। उनका कहना है कि समाज में समानता, एकता और भाईचारे का वातावरण बनाए रखना ही गणतंत्र दिवस का सही अर्थ है। उन्होंने यह भी कहा कि रविदासिया धर्म संगठन का उद्देश्य केवल धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संगठन समाज को एक नई दिशा देने और समृद्धि के पथ पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर श्री बिंझलेकर ने सभी नागरिकों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमें डॉ. भीमराव अंबेडकर और अन्य महान नेताओं के योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए, जिन्होंने हमारे संविधान को आकार दिया। उनका संदेश है कि हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या वर्ग से हो, समान रूप से महत्वपूर्ण है और सभी को एकजुट होकर देश की प्रगति में भागीदारी करनी चाहिए।

इस प्रकार, श्री कविराज बिंझलेकर ने छत्तीसगढ़ के निवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए यह अपील की है कि वे सामाजिक एकता, समानता और प्रगति के मूल्यों को अपनाकर देश और समाज को मजबूत बनाएं। उनका यह संदेश न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति के दिल में देशभक्ति और एकता की भावना जागृत करने वाला है।



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