वकीलों की गरिमा के लिए चुनावी मैदान में उपाध्यक्ष पद के उतारे प्रसिद्ध अधिवक्ता मुकेश राजपूत - Madhya Stambh

वकीलों की गरिमा के लिए चुनावी मैदान में उपाध्यक्ष पद के उतारे प्रसिद्ध अधिवक्ता मुकेश राजपूत

 अतुल सचदेवा - नयी दिल्ली दिनांक 24 फरवरी 2025.

आज मीडिया बातचीत करते हुए मुकेश राजपूत अधिवक्ता प्रत्याशी उपाध्यक्ष पद दिल्ली बार एसोसिएशन कहा मैं सभी अधिवक्ताओं के मन सम्मान और बार के गौरव को पुनः वापस स्थापित करने के लिए दिल्ली बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहा हूं जिस के लिए मैंने अपने प्रतिज्ञा पत्र में उद्देश्य जारी किया है

1. CAW Cell में पारिवारिक मामलों की सुनवाई हेतु NGOs के साथ-साथ महिला अधिवक्ताओं की भी नियुक्ती होनी चाहिए।

2. केन्द्रीय विद्यालयों में दाखिले की जो सुविधा केन्द्रीय कर्मचारियों के बच्चों को मिलती है वही दाखिले की सुविधा अधिवक्ताओं के बच्चों को भी मिलनी चाहिए

3. जनपरिवहन (Public Transport) दिल्ली मेट्रो की हर बोगी में व DTC बसों में वकीलों के लिए कम से कम दो सीटें आरक्षित करवाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

4. तीस हजारी कोर्ट परिसर में रेलवे रिजर्वेशन काउन्टर को पहले कार्यरत था अब बन्द हो चुका है उसे पुनः अतिशीघ्र शुरू करवाना चाहिए। और वकीलों को न्याय के कार्य के लिए विशेष तत्काल योजना के माध्यम से 24 घण्टे तत्काल टिकट की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए

5. किसी राज्य में अन्य राज्य से विधि कार्य हेतु आये अधिवक्ता को स्थानीय बार की सिफारिश पर राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के अधीन किसी भी भवन या सर्किट हाऊस में कम से कम तीन दिन तक ठहरने की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।

6. अधिवक्ता सुरक्षा बिल को पारित करवाने के लिए दिल्ली की सभी बार एसोसिएशन को साथ लेकर एक बड़ा आन्दोलन करना चाहिए और इस आन्दोलन को अधिवक्ता सुरक्षा बिल के पारित होने तक जारी रखना चाहिए।

7. शादी-विवाह व अन्य पार्टियों में वेटरों की पोशाक काली पेंट, सफेद शर्ट और काला कोट पर तुरंत प्रतिबन्ध लगवाना चाहिए। वकील साथी, समय की कमी के कारण कोर्ट से सीधे किसी कार्यक्रम में चले जाते हैं और वेटरों की पोशाक को देखकर वकीलों के मान-सम्मान को ठेस पहुँचती है जिससे हम वकीलों को शर्मिन्दगी महसूस होती है।

8. विभिन्न न्यायाधिकरणों जैसे NCLT, DRT, CONSUMER FORUM आदि जिला न्यायालय परिसर में ही होनी चाहिए ताकि अधिवक्ता का बेहद कीमती समय व्यर्थ न हो और जिला न्यायलय में ही न्यायिक कार्य सम्पन्न कर सके

9. दिल्ली में वकालत करने वाले लगभग 50 प्रतिशत वकील किराये पर रहकर पूरी इमानदारी के साथ वकालत करते हैं दिल्ली सरकार को ऐसे किरायेदार वकीलों को 50 प्रतिशत किराये का भुगतान सब्सिडि के रूप में करना चाहिए

10. युवा अधिवक्ताओं को कम से कम रूपये 10,000/- स्टाइपेन्ड के वकालत के शुरूआती तीन वर्षों तक मिलने चाहिए।

11. युवा अधिवक्ताओं के लिए कॉमन हॉल बने जिसमें लॉकर की सुविधा उपलब्ध हो।

12. तीस हजारी कोर्ट परिसर में लेडी बार रूमस में महिलाओं से सम्बन्धित जरूरी सामान हर समय उपलब्ध होना चाहिए।

13. तीस हजारी कोर्ट परिसर में CRECHE (पालन-घर) की सुविधा प्राथमिकता के आधार पर होनी चाहिए।

14. दिल्ली बार एसोसिएशन (DBA) की 14 में से कम से कम 3 सीटे महिलाओं के लिए आरक्षित होनी चाहिए।

15. तीस हजारी कोर्ट परिसर के हर ब्लॉक में फी हाईस्पीड वाई-फाई इन्टरनेट की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।

16. दिल्ली बार एसोसिएशन (DBA) के चुनाव के लिए जनरल बॉडी मीटिंग बुलाकर एक स्थाई चुनाव आयोग का गठन किया जाना चाहिये, जो समयावधि पूरी होते हीबार एसोसिएशन का चार्ज अपने हाथों में ले ले और समय पर चुनाव कराये ताकि चुनाव करवाने के लिए माननीय उच्च न्यायालय से आदेश न करवाना पड़ेचुनाव आयोग के दो-तिहाई सदस्य प्रत्येक वर्ष बदलने चाहिए।

17. एक कोर्ट में दिल्ली की अन्य कोर्ट तक जाने वाली बस (डेस्टिनेशन) को पुनः शुरू करवाना चाहिए। और दिल्ली सरकार को बस के किराये में 50 प्रतिशत की सब्सिडि न्यायहित में उपलब्ध करवाने के लिए विवश करना चाहिए

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