पहाड़ी कोरवा बच्चों के स्कूल में सुविधा की कमी
Sunday, July 13, 2025
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पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय, रायपुर के समाजशास्त्र विभाग के विद्यार्थियों राजेंद्र सिदार और अभय निराला ने अपने प्रोजेक्ट अध्ययन के तहत जशपुर जिले के सिंदूरघाटी क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहाँ स्थित पहाड़ी कोरवा समुदाय के प्राथमिक स्कूल की स्थिति का अवलोकन किया।
छात्रों ने देखा कि स्कूल आने के लिए बच्चों को हर दिन लंबा और कठिन पहाड़ी रास्ता पार करना पड़ता है। बरसात के दिनों में यह रास्ता और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। कई बच्चे छोटे हैं और अकेले आना उनके लिए सुरक्षित भी नहीं है।
स्कूल की बिल्डिंग बहुत पुरानी और खस्ताहाल है। छत से पानी टपकता है, कमरे टूटे हुए हैं और कई दरवाजे-खिड़कियाँ गायब हैं। स्कूल में शौचालय तो हैं, लेकिन उपयोग के लायक नहीं। सफाई की स्थिति खराब है जिससे बच्चों को असुविधा होती है।
पढ़ाई की सामग्री की भी कमी है। अधिकतर बच्चों के पास किताबें, कॉपी और पेंसिल नहीं हैं। शिक्षकों की संख्या बहुत कम है जिससे सभी कक्षाओं को एकसाथ पढ़ाना मुश्किल हो जाता है। बच्चों के लिए भोजन व्यवस्था (मिड-डे मील) भी कई बार समय पर नहीं होती, जिससे वे भूखे रह जाते हैं।
पीने का साफ पानी स्कूल में उपलब्ध नहीं है। बच्चे पास के हैंडपंप या नाले से पानी लाते हैं, जो हमेशा सुरक्षित नहीं होता। इसके अलावा स्कूल में बिजली नहीं है, जिससे कोई भी डिजिटल शिक्षा की सुविधा नहीं है।
अभय निराला और राजेंद्र सिदार ने कहा कि सिंदूरघाटी के पहाड़ी कोरवा बच्चे पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण वे पीछे रह जाते हैं। उनका यह अध्ययन आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर करता है और इस दिशा में सभी को सोचने की ज़रूरत है।
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